- अब छग सहायक शिक्षक पद पर चयनित बी.एड धारियों को पद से हटाने के छग हाइकोर्ट के फैसले लागू किए जा सकेंगे
- डी.एड अभ्यर्थियों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है, सुप्रीम कोर्ट ने 15 जुलाई को सरकार की तरफ से छग हाइकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह स्पष्ट कहा कि, छग हाइकोर्ट के फैसला बिना छग सरकार द्वारा कार्यान्वयन किया जा सकता है तथापि इसका कार्यान्वयन दायर इस याचिका के निर्णय ( subject to final outcome) के अधीन होगी।
छग सरकार को माननीय छग हाइकोर्ट ने भुवनेश्वर साहू बनाम छग राज्य ( 3541/2024 ) मामले पर सुनवाई करते हुए, 02 अप्रैल 2024 को अपना अंतिम निर्णय दिया था जिसमें चयनित बी.एड को बाहर करते हुए 6 सप्ताह के भीतर डी.एड धारियों की नई चयन सूची जारी कर नियुक्ति देने का निर्देश दिया गया था।
6 सप्ताह बाद भी इस पर राज्य सरकार ने कोई कार्यवाही नहीं की, साथ ही इसे 6 सप्ताह बाद सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी।
छग में इस मामले पर पिछले 1 साल से विवाद चल रहा था, सुप्रीम कोर्ट द्वारा बी.एड धारियों को प्राइमरी के लिए अपात्र किए जाने के पश्चात भी उनको नियुक्ति दे दी गई थी, इसका असर हजारों योग्य डी.एड धारी पर पड़ा है जो योग्यता के बावजूद 1 वर्ष से बेरोजगार बैठे हैं।इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने कई मामलों पर सुनवाई करते हुए यह स्पष्ट किया था कि, 11/08/2023 के हमारे जजमेंट के बाद कोई नियुक्ति नहीं हो सकती। जिसे सुप्रीम कोर्ट ने पुनः रिव्यू के तौर पर 08/04/024 को स्पष्ट किया था।
चूंकि छग में सहायक शिक्षक पर पर समस्त भर्ती सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार माननीय छग हाइकोर्ट के अंतिम आदेश के अधीन हुई थी जिसका उल्लेख चयनितों के नियुक्ति प्रपत्र में भी किया गया था।
इसके अतिरिक मुख्य आधार यह भी था कि छग में सहायक शिक्षक पद पर समस्त नियुक्तियां सुप्रीम कोर्ट के 11/08/2023 के आदेश के पश्चात हुई है।