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संकुल प्राचार्य सी.पी. चंद्रवंशी ने ली शिक्षकों की बैठक, शिक्षा गुणवत्ता वर्ष पर दिया विशेष जोर

कबीरधाम, बोड़ला विकासखंड अंतर्गत संकुल स्रोत केंद्र सारंगपुरकला में दिनांक 13 जून 2025 को संकुल प्राचार्य सी.पी. चंद्रवंशी के नेतृत्व में संकुल के समस्त प्रधानपाठकों व शिक्षकों की बैठक आयोजित की गई। बैठक में शिक्षा सत्र 2025-26 की कार्ययोजना, शैक्षणिक गुणवत्ता उन्नयन, सुरक्षा व अनुशासन से जुड़ी कई महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश साझा किए गए।

बैठक की शुरुआत TBC-CG ऐप डाउनलोड कर पंजीयन से हुई। इसके पश्चात शिक्षकों को शासकीय पुस्तकों की स्कैनिंग प्रक्रिया सिखाई गई। संकुल प्राचार्य ने शाला प्रवेश उत्सव की तैयारियों की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए कहा कि यह उत्सव जनप्रतिनिधियों, पालकों और विद्यार्थियों की उपस्थिति में मनाया जाएगा, जिसमें बच्चों को गणवेश, पाठ्यपुस्तकें व उपहार अतिथियों के हाथों वितरित कर शाला में नियमित उपस्थिति के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

 

उन्होंने कहा कि यह वर्ष “शिक्षा गुणवत्ता वर्ष” घोषित है, अतः नवाचारों के माध्यम से बच्चों की प्रावीण्यता उन्नयन पर विशेष कार्य किया जाएगा ताकि परीक्षा परिणामों में क्वालिटी और क्वांटिटी दोनों का स्पष्ट प्रदर्शन हो।

 

प्राचार्य चंद्रवंशी ने आगामी 16 जून से पहले सभी विद्यालयों में रंग-रोगन व साफ-सफाई कराने, बालक पंजी अद्यतन करने, शिक्षकों का IPR 2024 तक पूर्ण करने, तथा ऑनलाइन अवकाश प्रणाली का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए। ऑफलाइन आवेदन को अनुपस्थिति माना जाएगा।

 

उन्होंने बताया कि विद्यालय समय से आधा घंटा पहले पहुंचना सभी शिक्षकों के लिए अनिवार्य होगा, तथा छुट्टी के बाद बच्चों के जाने के उपरांत ही शिक्षक विद्यालय से निकलेंगे।

 

संकुल समन्वयक छलीराम वर्मा निशानी को सभी आवश्यक शासकीय आदेशों के अक्षरशः पालन व डाक संप्रेषण के निर्देश दिए गए। साथ ही वेतन देयक व सफाईकर्मी उपस्थिति पत्रक को 16 जून तक संकुल कार्यालय में जमा करने की बात कही गई।

 

मध्याह्न भोजन योजना की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए पहले स्वयं भोजन चखने के बाद बच्चों को भोजन देने का नियम लागू करने की बात कही गई।

 

प्राचार्य ने किचन गार्डन विकास पर विशेष बल देते हुए कहा कि इससे बच्चों को ताजा सब्जियों का लाभ मिलेगा। पुस्तकों का वितरण केवल स्कैनिंग के बाद किया जाएगा और शेष पुस्तकों को सुरक्षित ढंग से संरक्षित करना होगा, अन्यथा लापरवाही पर अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी।

 

मानसून की दृष्टि से सुरक्षा उपायों की जानकारी देते हुए बच्चों को जलभराव, गड्ढे, तालाब व नदियों के आसपास न जाने की समझाइश देने, तथा समूह में स्कूल आने-जाने की आदत डालने को कहा गया।

 

अंत में संकुल प्राचार्य ने कहा कि “हर विद्यालय बच्चों के लिए पूर्णतः सुरक्षित, स्वच्छ और गुणवत्तायुक्त हो – यही हम सभी का लक्ष्य है।”

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