समृद्ध छत्तीसगढ़ किसान संघ द्वारा भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान लखनऊ में जिले के 35 किसानों ने प्रशिक्षण में भाग लिया जिसमें प्रशिक्षक एवं गन्ना वैज्ञानिक डॉ कामता प्रसाद के द्वारा बताया गया कि गन्ना के वैज्ञानिक खेती करके 120 से 150 टन प्रति हेक्टेयर उत्पादन में वृद्धि कर सकते है, गन्ना के आधुनिक खेती के लिए रोपाई से लेकर कटाई तक के विभिन्न विधियों से होकर गुजरना पड़ता जिसके लिए महत्वपूर्ण तीन आयाम बताया है जैसे 1, निरोगी एवं उपचारित बीज की चयन 2. उचित मात्रा में खाद 3. सही मात्रा में पानी, इन्हीं तीनों तत्वों का संतुलन गन्ने के पैदावार को बढ़ाने में महत्वपूर्ण हैं co 085 को बचाने के लिए किसानों के मन में गन्ने में लगने वाले रोगों के बारे में भी जानने की इच्छा हुई जैसे पाईलेरिया,रेड रॉट आदि इसमें भी किसानों को उचित मार्गदर्शन प्राप्त हुआ, गन्ना खेतों में कैसा लगाया जाता है गन्ना से गन्ना की दूरी, गन्ना से नाली की दूरी, रासायनिक खादों की मात्रा, गोबर खाद का महत्व और गन्ना को बीमारियों से कैसा बचाया जा सकता है। कब डाला जाए, आदि विषयों का विस्तृत रूप से चर्चा कर किसानों को प्रशिक्षण दिया गया साथ ही गन्ना अनुसंधान केंद्र में जो आधुनिक मशीन जैसे गन्ने बोन और काटने के मशीनों को दिखाकर अवलोकन कराया। किसान आत्म निर्भर बने इसके लिए स्वयं जैविक गुड उत्पादन कर सकता है इसके लिए आधुनिक पद्धति के विषय में जानकारी प्राप्त हुआ।
और अंत में अनुसंधान केंद्र में विभिन्न प्रकार के गन्ने के किस्मों का 20 प्रकार के पद्धति से गन्ने की खेती करने के बारे में जानकारी प्राप्त किया ।