बिलासपुर, 16 अक्टूबर: गुरु घासीदास विश्वविद्यालय में नई शिक्षा नीति (NEP) के अनुचित क्रियान्वयन से छात्रों को हो रही समस्याओं के मद्देनजर आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने गहरी चिंता जताई। ABVP ने विश्वविद्यालय प्रशासन के समक्ष छात्रों के हितों से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया और NEP के प्रभावी और उचित कार्यान्वयन की मांग की।
ABVP के अनुसार, NEP का उद्देश्य शिक्षा क्षेत्र में सुधार करना है, लेकिन विश्वविद्यालय में इसके गलत क्रियान्वयन से छात्रों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। ABVP ने विश्वविद्यालय प्रशासन को इन समस्याओं की ओर ध्यान आकर्षित किया और इन्हें शीघ्र हल करने की मांग की। प्रमुख मुद्दे निम्नलिखित हैं:
1. विषय चयन में अघोषित परिवर्तन: बिना किसी पूर्व सूचना के समर्थ पोर्टल पर विषय चयन प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, जिसमें ‘पहले आओ पहले पाओ’ प्रणाली का पालन किया जा रहा है। इस प्रणाली ने कई छात्रों के लिए समस्याएँ उत्पन्न की हैं।
2. माइनर विषयों का आवंटन: माइनर विषयों का आवंटन मेरिट के आधार पर किया गया है, जबकि इसे छात्रों की इच्छानुसार होना चाहिए। इससे छात्रों में असंतोष बढ़ रहा है।
3. विषय परिवर्तन शुल्क: विषय बदलने के लिए छात्रों से 500 से 1000 रुपये का शुल्क लिया जा रहा है, जिसे ABVP ने पूरी तरह अनुचित बताया है।
4. गूगल फॉर्म के माध्यम से जानकारी संकलन: विषय आवंटन के बाद छात्रों से गूगल फॉर्म भरवाया जा रहा है, जिससे प्रक्रियाओं में अनावश्यक जटिलता पैदा हो रही है।
ABVP गुरु घासीदास विश्वविद्यालय के अध्यक्ष, आराध्य तिवारी ने कहा, “नई शिक्षा नीति (NEP) विद्यार्थियों के लिए लाभकारी हो सकती है, लेकिन विश्वविद्यालय में इसके गलत क्रियान्वयन और प्रशासन की अपर्याप्त जानकारी के कारण छात्रों के बीच समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं और NEP के प्रति गलत धारणाएं बन रही हैं।”
ABVP के सचिव, शशांक सोनवानी ने कहा, “प्रशासन की अपर्याप्त योजना और समझ के कारण NEP का क्रियान्वयन त्रुटिपूर्ण है, जिससे छात्रों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन को इस प्रक्रिया को पुनः तैयार करना चाहिए ताकि छात्रों को राहत मिल सके, अन्यथा ABVP आंदोलन करने के लिए बाध्य होगी।”