बिलासपुर: गुरु घासीदास विश्वविद्यालय के ग्रामीण प्रौद्योगिकी विभाग के द्वारा बीते दिन छात्राओं के कौशल विकास को लेकर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें रेजिन से आकर्षक व मनमोहक राखियाँ बनाने को लेकर प्रशिक्षण दिया गया, प्रशिक्षण देने आये प्रशिक्षक ने कहा की रेजिन एक चिपचिपा पदार्थ होता है जो मूल रूप से पेड़ों की छाल और शाखाओं से प्राप्त होता है। रेजिन से बनी राखियाँ आज के समय में बहुत पसंद की जा रही है जिस कारण से इसे बिजनेस के रूप में भी किया जा सकता है।
कार्यशाला में मुख्य अतिथि सौराष्ट्र विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति नीलाम्बरी दवे रहीं उन्होंने कहा की ग्रामीण प्रौद्योगिकी विभाग के द्वारा लगातार ऐसे आयोजन से विश्वविद्यालय के छात्राओं को कौशल विकास में बहुत लाभ होगा।
कार्यशाला की विशिष्ट अतिथि समाज सेविका चित्रा वारंगल जी रहीं उन्होंने इस कार्यशाला को बहुत सराहा और कहा की यह राखियाँ सच में आकर्षक और मन को मोह लेने वाली हैं।
कार्यशाला में मुख्य रूप से अंतर विषयक शिक्षा एवम् शोध संकाय के डीन प्रो. राजेंद्र मेहता और स्किल डेवलपमेंट सेल के कॉर्डिनेटर प्रो. एस. सी. श्रीवास्तव उपस्थित रहे।
कार्यशाला का आयोजन में मुख्य रूप से डॉ. अल्का मिश्रा के द्वारा किया गया जिसमें कई छात्र छात्राओं ने भाग लिया।