
कवर्धा/बोड़ला। श्रीबुढ़ादेव राजगोंड समाज सेवा प्रधान समिति, प्रधान कार्यालय भोरमदेव (छत्तीसगढ़) के तत्वावधान में 9 अगस्त को ग्राम पचराही, विकासखंड बोड़ला में विश्व आदिवासी दिवस का भव्य आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत ग्राम सिंघारी स्थित भगवान बिरसा मुंडा चौक में ध्वज वंदन और पूजन से हुई। इसके बाद डीजे के साथ विशाल बाइक रैली का शुभारंभ किया गया, जो सिंघारी, बैजलपुर, तरसिग, पचराही, बोदा 03 टिकरी, मगरवाड़ा, दुल्लापुर, अमेरा, कोमो, मुड़घुसरी, छिंदीटोला, सेमरहा, कुई, देवसरा, लिम्हईपुर समेत अनेक गांवों से गुजरते हुए मां कंकालीन मंदिर परिसर तक पहुँची। रास्ते में प्रत्येक गांव के खेरमाई में पूजा-अर्चना की गई।
कार्यक्रम की अध्यक्षता फगनूराम धूर्वे (अध्यक्ष, राजगोंड समाज प्रधान कार्यालय भोरमदेव) ने की। उपस्थित अतिथियों और समाजजनों ने परमशक्ति बुढ़ादेव एवं महान पूर्वजों की पूजा-अर्चना कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस दौरान मां कंकालीन में अधिगृहीत भूमि पर “गोंडवाना राजगोंड परिसर” नाम से बोर्ड लगाया गया तथा देवगुड़ी में ध्वज चढ़ाया गया।
मुख्य अतिथि विदेशीराम धुर्वे (प्रधान संरक्षक, राजगोंड समाज प्रधान कार्यालय भोरमदेव) ने कहा कि विश्व आदिवासी दिवस आदिवासियों के स्वाभिमान, अस्तित्व, संस्कृति और संवैधानिक अधिकारों को जानने और संरक्षित रखने का संकल्प दिवस है। उन्होंने समाज के लोगों से पूर्वजों की संस्कृति और परंपराओं पर चलने और विभिन्न क्षेत्रों में अधिक से अधिक प्रतिनिधित्व हासिल करने की अपील की।
विशेष अतिथि ललिता रूप सिंह धुर्वे (जिला पंचायत सदस्य, कबीरधाम) ने कहा कि समाज की सशक्तता के लिए शिक्षा, स्वरोजगार और आर्थिक विकास पर ध्यान देना आवश्यक है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा विश्व के 194 देशों के आदिवासियों के लिए दिए गए संवैधानिक अधिकारों की विस्तृत जानकारी भी दी।
कार्यक्रम में बोधनी हरिचंद मेरावी, रमिहा रमेश मेरावी, श्रीमती दीपा पप्पू धुर्वे, रमेश कुमार मेरावी, निर्मला शिवकुमार धुर्वे, राजकुमार नेताम, बिलासा बाई पंद्राम, सरला श्याम मसराम सहित अनेक जनपद सदस्य एवं समाज के प्रमुख पदाधिकारी और युवा प्रभाग के सैकड़ों सदस्य मौजूद रहे। कार्यक्रम में हजारों की संख्या में समाजजन शामिल हुए।