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नेऊरगांव खुर्द में धूमधाम से मना होली महोत्सव, नगाड़ा फाग गीत प्रतियोगिता बनी आकर्षण का केंद्र…

नेऊरगांव खुर्द: ग्राम नेऊरगांव खुर्द में इस वर्ष होली का त्योहार विशेष धूमधाम से मनाया गया। 11 और 12 मार्च को आयोजित होली मिलन समारोह एवं नगाड़ा फाग गीत प्रतियोगिता महोत्सव 2025 ने पूरे गांव को रंगों, संगीत और उत्साह से सराबोर कर दिया। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य ग्रामवासियों को एक मंच पर लाकर सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करना और एकता का संदेश फैलाना था।

नगाड़ा फाग गीत प्रतियोगिता बनी मुख्य आकर्षण

 

इस महोत्सव का सबसे बड़ा आकर्षण नगाड़ा फाग गीत प्रतियोगिता रही, जिसमें कुल 13 टीमों ने भाग लिया। प्रतियोगिता के तहत प्रत्येक टीम को पांच पारंपरिक फाग गीत गाने के लिए 30 मिनट का समय दिया गया। ग्रामीणों ने अपने परंपरागत नगाड़ों की गूंज और लोकगीतों की मिठास से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

प्रतियोगिता के विजेता इस प्रकार रहे:

 

प्रथम स्थान: लखनपुर रवेली (पुरस्कार: ₹5100, शील्ड एवं प्रशस्ति पत्र)

 

द्वितीय स्थान: हथलेवा चारभाठा (लोहारा) (पुरस्कार: ₹3100, शील्ड एवं प्रशस्ति पत्र)

 

तृतीय स्थान: नेऊरगांव कला (पुरस्कार: ₹2100, शील्ड एवं प्रशस्ति पत्र)

 

 

सम्माननीय अतिथियों की उपस्थिति

 

समारोह की शुरुआत 11 मार्च की शाम ग्राम के सरपंच, उप सरपंच और गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति में हुई। समापन अवसर पर मुख्य अतिथि जिला सदस्य प्रतिनिधि मनीराम साहू ने इस तरह के आयोजनों के महत्व पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम की अध्यक्षता जनपद सदस्य प्रतिनिधि नरेश चंद्रवंशी ने की। अन्य विशिष्ट अतिथियों में कासीराम उईके, संत वर्मा, नेमसिंह धुर्वे (सरपंच), कुलदीप चंद्रवंशी (उप सरपंच) सहित समस्त ग्रामवासी उपस्थित थे।

 

गांववासियों में दिखा उत्साह, बनी अविस्मरणीय होली

 

इस आयोजन ने ग्रामवासियों के बीच आपसी प्रेम, भाईचारे और सांस्कृतिक एकता को मजबूत किया। फाग गीतों के साथ पारंपरिक नृत्य और लोकगीतों ने समां बांध दिया। युवाओं से लेकर बुजुर्गों तक, सभी ने मिलकर इस होली को अविस्मरणीय बना दिया।

 

आने वाले वर्षों में और भव्य आयोजन का संकल्प

 

ग्रामवासियों ने इस आयोजन की सफलता को देखते हुए संकल्प लिया कि अगले वर्षों में इसे और भव्य रूप दिया जाएगा। इस तरह के महोत्सव न केवल हमारी सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने का कार्य करते हैं, बल्कि नई पीढ़ी को अपनी परंपराओं से जोड़ने का भी एक बेहतरीन माध्यम हैं।

 

नेऊरगांव खुर्द की यह होली सिर्फ रंगों का नहीं, बल्कि संस्कृति और परंपराओं का भी उत्सव बनी।

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