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SFD दुर्ग द्वारा वानिकी विद्यार्थियों एवं शोधार्थियों हेतु भोरमदेव अभ्यारण्य में क्षेत्रीय भ्रमण कार्यक्रम संपन्न…..

कवर्धा: विश्व पृथ्वी दिवस 2025 के अवसर पर विकासार्थ विद्यार्थी (SFD) दुर्ग द्वारा वानिकी के विद्यार्थियों के लिए भोरमदेव अभ्यारण्य, कवर्धा में “एक दिवसीय वन क्षेत्र भ्रमण कार्यक्रम” का आयोजन किया गया। इस वर्ष की थीम “Our Power. Our Planet.” को केंद्र में रखते हुए कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों को प्रकृति के संरक्षण हेतु जागरूक करना एवं व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करना था।

 

कार्यक्रम का आयोजन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद दुर्ग के विशेष सहयोग से संपन्न हुआ। कार्यक्रम का मुख्य लक्ष्य वानिकी के विद्यार्थियों को अभ्यारण्य एवं संरक्षित क्षेत्रों के वास्तविक स्वरूप से अवगत कराना था, ताकि कक्षा में पढ़ाए गए सैद्धांतिक ज्ञान एवं वास्तविक फील्ड अनुभव के बीच के अंतर को वे स्वयं प्रत्यक्ष अनुभव कर सकें। साथ ही, ट्रैकिंग एवं क्षेत्रीय अध्ययन के माध्यम से जैव विविधता, वन्य जीवों के संवर्धन तथा संरक्षण के व्यवहारिक पहलुओं को नजदीक से समझने का अवसर प्रदान करना भी इस आयोजन का प्रमुख उद्देश्य रहा।

 

कार्यक्रम में प्रमुख रूप से उपस्थित रहे:

 

इंदीवर शुक्ला, राष्ट्रीय सह संयोजक, विकासार्थ विद्यार्थी (SFD INDIA)

 

दुष्यंत साहू शोधार्थी, महात्मा गांधी वानिकी विश्वविद्यालय दुर्ग

 

गजाधर वर्मा, जिला संयोजक, कवर्धा

 

ललित जी, पर्यावरण संरक्षण गतिविधि, जिला संयोजक

 

 

गजाधर वर्मा ने कवर्धा जिले में सभी प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

 

इसके पश्चात इंदीवर शुक्ला ने अपने सारगर्भित संबोधन में कहा: “आज पृथ्वी अनेक प्रकार के पर्यावरणीय संकटों से जूझ रही है। जिसे हमारी देखभाल और संरक्षण की आवश्यकता है।”

हम जैसे युवाओं को अपने दैनिक जीवन में जल संरक्षण, वृक्षारोपण, ऊर्जा की बचत और प्लास्टिक मुक्त जीवन शैली को अपनाना चाहिए।

SFD के कार्यों के विषय में बताते हुए कहा कि स्टूडेंट्स फॉर डेवलपमेंट, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की एक गतिविधि है जिसके अंतर्गत पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में कार्य किया जाता है

SFD मुख्य रूप से 5 ज – जल जंगल जमीन जानवर और जन

इन सभी कर संयुक्त संरक्षण एवं संवर्धन के लिए कार्य करता है

एवं इस कार्य हेतु विद्यार्थियों की एवं समाज की क्या भूमिका हो सकती है

कैसे किस माध्यम से हम इस कार्य को कर सकते है इसके लिए पूरे भारत वर्ष में कार्य कर रही है।

 

दुष्यंत साहू ने भी छात्रों से कहा: “हम सभी वानिकी एवं पर्यावरण विज्ञान के विद्यार्थी हैं, केवल ज्ञान अर्जन पर्याप्त नहीं है, बल्कि हमें समाज में पर्यावरणीय चेतना का वाहक बनना चाहिए। पर्यावरण संरक्षण केवल एक कार्य नहीं, अपितु हमारी नैतिक जिम्मेदारी है। ‘Our Power. Our Planet.’ इस वर्ष के पृथ्वी दिवस की थीम हमें यह सिखाती है कि यदि हम मिलकर कार्य करें, तो इस ग्रह को पुनः हरित, जैव विविधता से परिपूर्ण एवं समृद्ध बना सकते हैं। प्रकृति से जुड़ना, उसे समझना और उसके साथ सहअस्तित्व स्थापित करना हमारा कर्तव्य है। यदि आज हम सजग नहीं हुए, तो आने वाली पीढ़ियों के लिए भविष्य संकटमय होगा।”

कार्यक्रम आयोजन के विषय बताते हुए कहा कि

इससे पहले यह विद्यार्थी फील्ड के नाम में केवल जंगल सफारी रायपुर का ही सीमित अनुभव रखते थे, लेकिन इस कार्यक्रम ने उन्हें वन प्रबंधन एवं संरक्षित क्षेत्रों की वास्तविक कार्यप्रणाली, वन्य जीव-जंतुओं के संरक्षण एवं पर्यावरणीय संतुलन को प्रत्यक्ष देखने-समझने का अवसर प्रदान किया।

उन्होंने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे अपने व्यक्तिगत आचरण से पर्यावरण सुरक्षा का उदाहरण प्रस्तुत करें तथा समाज में भी पर्यावरणीय चेतना जागृत करें।

 

कार्यक्रम के अंतर्गत मुख्य गतिविधियाँ रही:

वन्य जीवन दर्शन, प्राकृतिक ट्रेल भ्रमण, पर्यावरण संवाद सत्र, थीम आधारित समूह चर्चा।

 

 

खास अनुभव:

एक प्रतिभागी ने बताया कि फील्ड विजिट के समय वन आरक्षक द्वारा उनकी गश्ती यात्रा एवं अपने कार्य के 12 वर्षों के अनुभवों को साझा किया, जिसमें प्रतिभागियों को फील्ड वर्क की व्यवहारिक कठिनाइयों और चुनौतियों की जानकारी मिली।

 

कार्यक्रम के समापन पर सभी विद्यार्थियों एवं शोधार्थियों ने पर्यावरण संरक्षण की शपथ ली और पृथ्वी को एक सुरक्षित, स्वच्छ और संतुलित ग्रह बनाने हेतु अपने जीवन में सक्रिय कदम उठाने का संकल्प लिया।

यह आयोजन न केवल ज्ञानवर्धक रहा, बल्कि प्रकृति के प्रति भावनात्मक जुड़ाव को भी गहरा करने वाला प्रेरक अनुभव बना।

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