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सीयू के ग्रामीण प्रौद्योगिकी विभाग में रेजिन प्रोडक्ट पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

बिलासपुर। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में शिक्षा के साथ साथ कौशल विकास पर भी बल दिया गया है इसी उद्देश्य को ध्यान में रखकर प्रथम वर्ष के छात्र छात्राओं के कौशल विकास हेतु दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन गुरु घासीदास विश्वविद्यालय के ग्रामीण प्रौद्योगिकी विभाग में किया गया।

इस कार्यशाला में छात्र छात्राओं ने रेजिन से चाभी में लगाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के रिंग और विश्वविद्यालय का मोनो को आकर्षक रूप से बनाया। कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती के प्रतिमा के सामने दीप प्रज्वलित कर किया गया। रेजिन से अलग अलग प्रोडक्ट बनाने की सारी जानकारी चांदनी धामेजा और खुशी धामेजा ने दिया।

स्वागत उद्बोधन कार्यशाला की संयोजक डॉ. अल्का मिश्रा ने दिया साथ हीं अपने अध्यक्ष उद्बोधन में विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर राजेंद्र मेहता ने कहा कि आप सभी छात्र पूरी लगन और मेहनत के साथ अपने पढ़ाई को करें और इस कार्यशाला में अपने जो सीखा है उसे अपने जीवन को बेहतर करने के लिए जरूर प्रयोग करें।

इस कार्यशाला के समापन में मुख्य अतिथि के रूप में वनस्पति विज्ञान विभाग के प्राचार्य प्रोफेसर अश्वनी कुमार दीक्षित रहे जिन्होंने छात्र-छात्राओं को अपने उद्बोधन में कहा कि आप सभी अपने पढ़ाई के साथ-साथ कौशल विकास पर भी ध्यान दें और विश्वविद्यालय में आपको किसी भी प्रकार की समस्या होती है तो आप मुझसे संपर्क जरूर करें साथ हीं उन्होंने कहा कि इस प्रकार के वर्कशॉप को विश्वविद्यालय स्तर पर भी आगे करना चाहिए।

कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन कार्यशाला के सह संयोजक डॉ. सत्येंद्र कुमार निराला ने किया। मंच का सफल संचालन शुभम पाठक के द्वारा किया गया। कार्यशाला में ग्रामीण प्रौद्योगिकी विभाग के पचास चयनित छात्र छात्राओं ने भाग लिया।

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