कवर्धाखास खबरछत्तीसगढ़न्यूज़पंडरियापांडातराईबोड़लाराजनीतिस्वास्थ्य

सीएचसी पंडरिया में मरीज के इलाज पर बवाल की ये है वजह : आरोपों की जाँच में जुटा प्रशासन….

वाइरल वीडियो का सच वाइरल हो रहे की वीडियो अधूरा या पूरा है इसकी पुष्टि अभी बाकि है, दृश्टिया एवं सूत्रों से,दिन शनिवार तारिक 7 सितंबर 2024 को तीजा के उपवास के बाद एक महिला कमजोरी एवं तबियत ख़राब होने की शिकायत से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पंडरिया आई जिसका चेक अप ओपीडी टाइम में हुआ प्राथमिक दवाई लेकर महिला अपने परिजन के साथ घर चली गई परंतु अत्यंत कमजोरी एहसास होने पर मरीज अपने परिवारों के साथ लगभग डेढ़ से दो बजे के बीच फिर वापस सीएचसी पंडरिया आई, जहां कैजुअल्टी में मरीज को लाया गया, एवं नर्स द्वारा चेक किया गया परिजन द्वारा डॉक्टर को बुलाने को कहा गया, चुकी नियमनुसार 1 बजे के बाद डॉक्टर ऑन कॉल ड्यूटी में रहते है इसलिए उपस्थित स्टाफ द्वारा डॉक्टर को बुलाने पर डॉक्टर 10 मिनट के अंदर आ गई।

इसके बाद डॉक्टर द्वारा पास की एक मरीज को देखा गया, परंतु आई हुई मरीज को ना देखने पर उपस्थित नसों को चेक करने का निर्देश दिया गया, इसी बीच मरीज के परिजनों द्वारा डॉक्टर को उची आवाज से चेक करने के लिए कहा गया, परन्तु ऊंची आवाज को देखते हुए डॉक्टर द्वारा कोई भी कार्यवाही करने से मना कर दिया गया जिससे बात और बढ़ दोनों तरफ से ऊंची आवाज में बातचीत शुरू हो गई,इसी बीच परिजन द्वारा कांग्रेस समर्थक दावा करते हुए वीडियो बनावाया गया,शोर को देखते एवं सुनते हुए आसपास के और स्टाफ मामले को शांत करने आ गए, और मरीज के परिजनों को समझाया गया परंतु मामला शांत न होने की स्थिति में गार्ड को बुलाया गया, इसकी सुचना तत्काल कवर्धा मीटिंग में उपस्थित मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं खंड चिकित्सा अधिकारी को दिया गया सुचना के बाद मरीज को देखने के लिए अन्य डॉक्टर को बुलाया गया एवं मरीज का इलाज किया गया जिसके बाद मामला थोड़ा शांत हुआ ।

 

परिजनों द्वारा डॉक्टर पर एवं महिला डॉ द्वारा इलाज के दौरान धमकी देने पर शिकायत पत्र

 

चिकित्सक द्वारा इलाज से मना करने पर परिजनों द्वारा प्रथम रूप से लिखित शिकायत बीं एम ओ कार्यलय में किया गया,इसके बाद महिला डॉक्टर द्वारा शिकायत कार्यलय किया गया जिसकी संवेदनशीलता को देखते हुए खंड चिकित्सा अधिकारी द्वारा घटना स्थल पर उपस्थित लोगो से पूरी जानकारी मांगी गई। और जिला कार्यलय पूरी विस्तार से सटीक जानकरी दी गई,एवं डॉक्टर की सुरक्षा को देखते हुए नजदीकी थाना में इसकी पूरी जानकारी एवं सुचना दे दी गई।इसके साथ ही अपने विभाग में विभागीय जाँच टीम बनाकर जाँच करने के निर्देश दीये गए।

 

वाद विवाद की असली सच्चाई कुछ भी हो सकती है चुकी आरोप और प्रत्यारोप का सिलसिला निरंतर चल रहा है, और इस विवाद को राजनीति मुखौटा पहनाया जा रहा है,इस मामले की सत्यता तभी प्रकट होगी जब जांच टीम और प्रशासन पूरी अपनी जाँच कर अपनी रिपोर्ट जिला प्रसाशन को सौपेगी।

कर्मचारी की सुरक्षा संवेदशीलता हेतु व्यस्था के लिए पदस्थ है गार्ड मौके पर जाकर एवं स्थानीय लोगो से पूछने पर पता चला की विगत कुछ महीनो से कर्मचारी एवं डॉक्टर कि सुरक्षा को देखते हुए हर शिफ्ट में गार्ड तैनात कर दीये गए थे, क्योंकि यह सब व्यवस्था देखते हैं। गौर तलब है कि पूरे जिले में सिर्फ जिला अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पंडरिया में ऐसे गार्ड मौजूद है जो की सुरक्षा व्यवस्था देखते हैं इसके अलावा इनको यह भी निर्देश प्राप्त है कि मामला बिगड़ने पर 112 या पुलिस को इतला किया जाए,जिससे कोई भी हानि न हो।

समय रहते वाद विवाद से बचा सकता था खैर वीडियो को देखते हुए ऐसा लगता है की कोई एक पक्ष शांत हो जाता तो यह मामला नहीं होता,अगर स्वास्थ्य विभाग का मोटो देखा जाये तो पहला उदेश्य है की चिकित्सा करना अगर डाक्टर द्वारा सही समय में शांत होकर इलाज कर दिया जाता तो बात आगे नहीं बढ़ती और डॉक्टर होने का औचित्य बढ़ जाता क्युकी मूल तो यही है की मरीज अथवा हितग्राही को पहले इलाज करना फिर उसके बाद आगे कुछ अन्य कार्य करना।

अब आम जन को और मिडिया को इस पूरे मामला का सच जाँच टीम के विस्तार से जाँच करने बाद ही अधिकारीक रूप से बताया जाये।तब तक किसी जनता को या प्रशाशन को स्वयं से किसी नतीजे पर आना खुद को छालवा दिखाना होगा।

ADVERTISEMENT

You cannot copy content of this page