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सतनामी समाज का फूटा गुस्सा पांडातराई थाने का किया घेराव…..

पंडरिया। जिले के विकासखण्ड पंडरिया में संचालित सरदार वल्लभ भाई पटेल सहकारी शक्कर उत्पादक कारखाना कभी कर्मचारियों, श्रमिकों और क्षेत्रीय किसानों की अलग-अलग समस्याओं के लिए आए दिन किए जाने वाले आंदोलन, धरना प्रदर्शन, हड़ताल, घेराव के चलते हमेशा सुर्खियों में बना रहता है। लेकिन प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद यह कारखाना सत्ताधारियों की बफौती बनकर रह गया है और यहां सत्ताधारी पार्टी के नेता अधिकारियों पर कुछ इस कदर दबाव बना रहे हैं कि अधिकारी अपने कर्तव्य और दायित्वों का कुशलता से निर्वाहन भी नहीं कर पा रहे हैं। हद तो ये है कि जब कारखाना में पदस्थ आला प्रशासनिक अधिकारी सत्ताधारियों के मनमुताबिक और वह भी असंवैधानिक कृत्यों को करने से मना कर रहे हैं तो उनके साथ सरेआम गाली गलौच तक की जा रही है। इसकी एक बानगी बीते 15 अगस्त को उस समय देखने को मिली जब सुबह के समय पंडरिया क्षेत्र के कई छुटभैया नेता पूरी दबंगई के साथ पंडरिया शक्कर कारखाना में पहुंच गए और सीधे कारखाना के एमडी सतीश कुमार पाटले के दफ्तर में घुस गए और उन पर अपनी बात मनवाने के लिए दबाव डालने लगे। काफी समय तक वे पाटले से बहस करते रहे लेकिन जब श्री पाटले ने इन सत्ताधारी छुटभैया नेताओं की नियम विरूद्ध बात नहीं मानी तो वे सत्ता के नशे में चूर होकर तथा दबंगई दिखाते हुए श्री पाटले के साथ गाली गलौच पर उतर आए और कारखाना के अन्य अधिकारी, कर्मचारियों तथा सुरक्षा गार्ड के सामने ही श्री पाटले के साथ जमकर गाली गलौच करते हुए न सिर्फ उन्हें सरेआम अपमानिक किया बल्कि उनके साथ अभर्द व्यवहार भी किया। जिसके बाद कारखाना के एमडी पाटले ने बकायदा इसकी रिपोर्ट कारखाना क्षेत्र के पाण्डातराई थाना में दर्ज कराई। इतना ही नहीं बताया जा रहा है कि सत्ताधारी पार्टी के छुटभैया नेताओं ने कारखाना के जीएम के साथ भी अभर्द व्यवहार किया और उनके साथ भी गाली गलौच की। इसके अलावा स्वतंत्रता दिवस के दिन कारखाना प्रबंधन को कारखाना परिसर में नियमानुसार राष्ट्रीय ध्वज फेहराने से भी रोका गया। इसकी भी कारखाना प्रबंधन द्वारा पाण्डातराई थाना में दो अलग-अलग रपट दर्ज कराई गई है। लेकिन कहते है कि जब सैंया भए कोतवाल तो फिर डर काहेका, सो कारखाना प्रबंधन के पीडि़त अधिकारियों द्वारा दर्ज कराई गई रिपोर्ट के बाद भी पुलिस ने अब तक आरोपियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की है। जिसे देखकर ऐसा लग रहा है कि निश्चित रूप से पुलिस प्रशासन भी सत्ताधारियों की दबंगई और सीधे तौर उनकी गुड़ागर्दी के आगे नतमस्तक है और उन पर कार्यवाही न करने मजबूर है। माना जा रहा है कि अगर प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी ने अपने इन छुटभैया नेताओं की इस दबंगई और गुड़ागर्दी पर लगाम नहीं लगाई तो न सिर्फ जिले के विभिन्न विभागों में कार्यरत कर्तव्य निष्ठ अधिकारी कर्मचारियों में रोष बढ़ेगा बल्कि जिले के हालात भी बद से बत्तर हो जाएगें। बेहतर यही होगा कि शासन-प्रशासन को पाण्डातराई थाना में दर्ज कराई गई गई शिकायतों पर तत्काल जांच व कार्यवाही करनी चाहिए ताकि इस तरह की गुंडागर्दी पर रोक लग सके।

मिली जानकारी मुताबिक 15 अगस्त को घटित इस घटना पर सतनामी समाज द्वारा पांडातराई थाने का उसी रात घेराव कर उग्र प्रदर्शन भी किया बता दे की सतनामी समाज के पंडरिया अध्यक्ष श्री मुन्ना डाहिरे के नेतृत्व में सैकड़ों की संख्या में समाज के लोग पंडरिया कारखाना एम.डी.सतिस पाटले के साथ हुई बदसुलूकी गालिगलोज व सार्वजनिक रूप से उन्हें अपमानित करने को लेकर सामाजिक रूप से आक्रोशित है उनका कहना है की संबंधित आरोपियों पर जल्द से जल्द कड़ी कार्यवाही नही होती है तो समाज उग्र आंदोलन करेगा

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