राजनांदगांव: आज पीजी कॉलेज के समाजशास्त्र विभाग में “दुष्कर्म क्यों और कब तक” विषय पर एक दिवसीय क्षेत्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें समाज में महिलाओं के प्रति हो रहे अपराधों और उनके समाधान पर गंभीर विचार-विमर्श हुआ। संगोष्ठी का शुभारंभ विभागाध्यक्ष डॉ. मुकेश कामले द्वारा स्वागत वक्तव्य के साथ हुआ। उन्होंने मुख्य अतिथि, राजनांदगांव लोकसभा सांसद माननीय संतोष पाण्डेय जी का स्वागत किया।
सांसद संतोष पाण्डेय ने अपने उद्बोधन में कहा, “महिलाओं के प्रति बढ़ते दुष्कर्म के मामले अत्यंत निंदनीय हैं। जिस समाज में महिलाओं को देवी के रूप में पूजा जाता था, आज वह असुरक्षित महसूस कर रही हैं। यह स्थिति हमारे समाज की जागरूकता की कमी को दर्शाती है। अगर हम हर महिला को अपनी बहन की तरह देखें और सम्मान करें, तो समाज में दुष्कर्म की घटनाएं कम हो सकती हैं।” उन्होंने समाजशास्त्र परिषद द्वारा इस विषय पर सेमिनार आयोजित करने के प्रयास की सराहना की।
विशिष्ट अतिथि और जनभागीदारी अध्यक्ष, रिंकेश वैष्णव ने अपने वक्तव्य में कहा, “यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते तत्र देवता रमन्ते। अर्थात, जहाँ नारी का सम्मान होता है, वहाँ देवता निवास करते हैं। यह सोच अगर समाज में जागृत हो जाए, तो दुष्कर्म की घटनाओं में निश्चित रूप से कमी आ सकती है।”
स्त्रोत वक्ता और समाजशास्त्री परिषद, छत्तीसगढ़ की अध्यक्ष डॉ. प्रीति शर्मा ने सुझाव दिया कि “नारी शक्ति को आत्मरक्षा, शस्त्र संचालन और आत्मसुरक्षा शिविरों के माध्यम से सशक्त किया जाना चाहिए ताकि महिलाएं अपनी भीतर छिपी शक्ति को पहचान सकें।”
अभिषेक पाण्डेय ने कहा, “जब किसी बहन पर अत्याचार होता है और समाज चुप्पी साधे रहता है, तो अपराधियों को बल मिलता है। कानून व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता है ताकि अपराधियों को कठोर दंड मिले और दुष्कर्म जैसी घटनाओं पर रोक लगाई जा सके।”
संगोष्ठी में माननीय संतोष पाण्डेय द्वारा एक पुस्तक का विमोचन भी किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य बी.एस. चौहान और महिला बाल विकास अधिकारी आनंद तिवारी ने की। इस अवसर पर भाजपा मंडल अध्यक्ष चंद्रप्रकाश चंद्रवंशी, सांसद प्रतिनिधि अजय ठाकुर सहित कई गणमान्य व्यक्ति, संकाय सदस्य, और विद्यार्थी उपस्थित थे।