कवर्धाछत्तीसगढ़न्यूज़पंडरियापांडातराईबोड़लाराजनीतिसमस्या

कवर्धा ग्राम कुसुमघटा में खुद की निजी भूमि पर मकान बनाना हो गया गुनाह…

शासन प्रशासन सत्ताधीशों के दबाव में निजी जमीन हो गया सरकारी....

नहीं मिला अब तक पीड़ित को न्याय,दो साल से लगातार लगा रहा सरकारी दफ्तर के चक्कर इच्छा मृत्यु मांगने पर मजबूर….

 

भाजपा सुशासन का दे रहा दुहाई,लेकिन साय सरकार में पीड़ितों को नहीं मिल रहा है न्याय,सत्ता से जुड़े लोग कर जनता के साथ अन्याय।।

 

कवर्धा :- ग्राम पंचायत कुसुमघटा में जब से भाजपा की सरकार बनी है,सत्ता परिवर्तन हुआ है तब से लोगों को अलग अलग झूठे मामलो में प्रताड़ित करने का काम लगातार कर रहे है।भूमिस्वामी लेखराम वर्मा अपने स्वयं निजी भूमि खसरा नंबर 366/2 रकबा 0.0154 डिसमिल 38 मकान बना रहा था।जैसे ही भाजपा की बनी सरकारी जमीन है करके सत्ता पक्ष के लोगों ने आपत्ति दर्ज किया।प्रशासन उनके एक फोन में तत्काल रोक लगा दिया,ये नही बताया कि सरकारी में बन रहा है या निजी में।पांच बार मौके का आरआई एवं पटवारी के द्वारा नाप किया गया।शिकायतकर्ता एक भी बार भी मौके में उपस्थित नही हुआ,उसके बाद भी उन्हीं के कहने पर रोक लगा दिया गया।हाल में ही नक्शा बटांकन करने पर मूल जमीन की 366 की कुल 3 एकड़ 40 डिसमिल राजस्व रिकार्ड में दर्ज है।नक्शा बटांकन में मूल जमीन से 21 डिसमिल कम है,जब निजी जमीन ही कम है तो सरकारी जमीन पर कब्जा कैसे कह सकते है।वही लेखराम वर्मा के 38 डिसमिल जमीन को ही नही बाता पा रहा है।सिर्फ तारिक पे तारिक देकर शासन प्रशासन अपनी नाकामी छिपाने में लगी है,क्योंकि सत्ताधीशों को खुश करना है,भले जनता के साथ न्याय मत हो,उनके मकान मत बन सके और प्रताड़ित किया जा सके।

जब से बीजेपी की सरकार बनी है तब से कुसुमघटा गांव ही नहीं बल्कि कवर्धा जिला के अनेकों गांव की जनता सहित कांग्रेसियों को बदलापुर की राजनीति के तहत प्रताड़ित करने का काम बीजेपी के लोगों द्वारा किया जा रहा है।लेकिन याद रहे कि शासन सत्ता आती जाती रहती है,ये बात समझने वाली है।

“हर दिन होत न एक समान” इस ओर भी अधिकारियों को भी ध्यान देना चाहिए कि छोटे छोटे मामलों में जिस तरीके से बदले की भावना से जबरिया कार्यवाही एवं चुन चुन कर कई वर्षों से कारखाने में काम कर रहे कमचारियों को निकालने का मामला हो।ऐसे कार्य उचित नहीं।समय आने पर जरूर अहसास हो जाएगा।

ग्राम पंचायत कुसुमघटा लेखाराम वर्मा को जल्दी ही न्याय नहीं मिला तो कड़े कदम उठाने पर मजबूर होंगे।जिसकी समस्त जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।

 

उक्त कार्यक्रम में प्रमुख रूप से पीड़ित लेखाराम पीड़ित के लड़का गुलसन वर्मा,वरिष्ठ शिवप्रसाद वर्मा, छवि वर्मा,सरपंच कन्हैयाराम कुर्रे,उपसरपंच ध्रुव वर्मा,पंच अश्विनी वर्मा,पंच प्रवीण वर्मा,पंच महेतरु यादव,पंच धरमू साहू,चंद्र कुमार चंद्रवंशी,लाला राम चंद्रवंशी,कमल चंद्रवंशी,विशंभर वर्मा,शिवकुमार वर्मा,बिलोचन वर्मा,तीरथ वर्मा,अवध वर्मा,चतुर वर्मा,जीवन वर्मा,उमाशंकर वर्मा,चेतन वर्मा,राजेश वर्मा,अर्जुन वर्मा,संदीप वर्मा,सुरेश कोसले,भूपेंद्र वर्मा, वाल्मिकी वर्मा,श्री राम वर्मा,लालेश्वर वर्मा,फलित वर्मा,झूलाराम वर्मा,किशन वर्मा सहित सैकड़ो की संख्या में ग्रामवासी उपस्थित रहे।

ADVERTISEMENT

You cannot copy content of this page